योग मनुष्य आत्माओं के लिये प्राकृतिक उपहार हैं – बी के प्रेमलता दीदी
कामठी – प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय शाखा रनाला में आंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम बडे हर्ष के साथ संपन्न हुआ| कार्यक्रम का शुभारंभ दिप प्रज्वलित करके किया गया| आंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का महत्त्व बताते हुए राजयोगिनी ब्र. कु. प्रेमलता दीदी ने जीवन को संतुलित करने के लिये योग ही जड है जो संयम और संतुलन से जीवन को मूल्यवान बनाता है क्योंकी आज वर्तमान समय में नकारात्मकता को दूर करने के लिये सकारात्मक चिंतन की आवश्यकता है और सकारात्मक चिंतन आता है श्रेष्ठ संग से, आध्यात्म से और योग हमारे प्राचीन ऋषी मुनियों की देन है जो हमें प्रकृती से जोडकर स्वस्थता प्रदान करती है| जिसमे मन स्वास्थ, शरीर स्वास्थ, और धन स्वास्थ क्योंकि बिमारीयों को ठीक करने के लिये भी पैसा खर्चा ना हो इस बात का ध्यान रखना है| गलत दिनचर्या को छोडकर प्राकृतिक रूप से जिना हैं और आने वाली पिढी को भी श्रेष्ठ समाज देने के लिये हम जिम्मेदार बने|
राज योग आध्यात्मिक मन और बुद्धी द्वारा किया जानेवाला योग है जो हमारी आत्मा को ऊर्जा और संस्कारों और संस्कृती को श्रेष्ठ बनाता है| यही सभी योगो का राजा है जो हमें हमारे मन का राजा बनाना सिखाता है और हर कोई ने शारीरिक योग के साथ सूक्ष्म प्राणायाम और ब्रह्मा कुमरिज का राज योग मेडीटेशन जरूर करना चाहिए|
इस प्रसंग पर मंच पर माजी जिल्हा परिषद उपाध्यक्ष शरद डोनेकर, डॉ. जुनघरे, युवा चेतना मंच के अध्यक्ष प्रा. डॉ पराग सपाटे सरपंच पंकज भाऊ साबळे मंडळ अधिकारी तहसिल कार्यालय कामठी की टिना कापगते, फौजी भाई शेषराव अढाऊ आदि मान्यवर उपस्थित थे और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम मे अपनी अपनी शुभ कामनाए दीं| सभी ने योगासन और राजयोग मेडीटेशन का अभ्यास किया और इसे दिनचर्या का हिस्सा बनाने का संकल्प किया|