शालेय शिक्षा विभाग ने ZP की स्कूलों में स्वतंत्र अंग्रेजी विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति का लिया निर्णय
ग्रेजी माध्यम की स्कूलों की वजह से न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण भागों में भी मराठी माध्यम की अनुदानित, जिला परिषद स्कूलों के प्रति छात्रों का आकर्षण कम होता जा रहा है.
राज्य के ZP स्कूलों में अंग्रेजी विषयों के शिक्षकों की कमी गंभीर समस्या बनी हुई है. इस समस्या को देखते हुए शालेय शिक्षा विभाग ने जिप की स्कूलों में स्वतंत्र अंग्रेजी विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया है.
प्रत्येक केंद्र शाला के लिए एक अंग्रेजी विषय का शिक्षक होगा. इस शिक्षक के जिम्मेदारी केंद्र के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों की होगी. सप्ताहभर में अलग-अलग दिन स्कूलों में अध्यापन का कार्य होगा.
राज्य में जिप की 4,860 केंद्र स्कूल हैं. सेमी अंग्रेजी वाले स्कूल बेहद कम है. वहीं दूसरी ओर ग्रामीण भागों में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल बढ़ने से जिप स्कूलों में छात्रों की संख्या कम होने लगी है. 10,000 से अधिक स्कूलों में छात्र संख्या 20 से भी कम है. यही वजह है कि जिप की स्कूलों को बचाने के लिए अपग्रेडेशन आवश्यक हो गया है.
अभी जो शिक्षक भर्ती की होगी उसमें जिप स्कूलों में 22 से 25 फीसदी शिक्षक अंग्रेजी विषय के होंगे. हालांकि इस फैसले पर मराठी से डीएड करने वालों ने विरोध व्यक्त किया है लेकिन विभाग ने छात्र व पालकों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए उक्त निर्णय लिया है.
राज्यभर के जिप की केंद्र शाला व सेमी अंग्रेजी के कितने शिक्षक है और कितनों की जरूरत है इसकी मांग पवित्र पोर्टल पर की जाएगी. इसके अनुसार ही शिक्षक दिये जाएंगे. एक केंद्र स्कूल के अंतर्गत परिसर की ही 10-12 स्कूलों का समावेश होता है. अंग्रेजी विषयों के शिक्षकों को सप्ताह में अलग-अलग स्कूलों में अध्यापन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
नियुक्ति के दौरान अंग्रेजी से डीएड करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके बाद स्नातक-स्नातकोत्तर शिक्षक अंग्रेजी तथा डीएड मराठी वाले उम्मीदवारों को अवसर दिया जाएगा. इसके बाद संपूर्ण शिक्षण मराठी में होने और डीएड अंग्रेजी से करने वालों को मौका मिलेगा.