NEET-UG परीक्षा रद्द करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG परीक्षा से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकीलों द्वारा परीक्षा रद्द करने की मांग पर जवाब देते हुए कहा है कि परीक्षा रद्द करना सबसे अंतिम उपाय है। भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया जाना संदेह से परे है, लेकिन दोबारा परीक्षा का आदेश देने से पहले, लीक की सीमा को जानना जरूरी है।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने आज परीक्षा से संबंधित कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई की।

इससे पहले, सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में केंद्र और एनटीए ने कहा कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के किसी भी सबूत के अभाव में मेडिकल परीक्षा को फिर से आयोजित करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि नई परीक्षा लाखों वास्तविक उम्मीदवारों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी।

सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से स्पष्ट होता है कि परीक्षा रद्द करना तभी संभव है जब लीक की व्यापकता और गंभीरता साबित हो। इस मामले में अब आगे की सुनवाई और जांच का इंतजार है ताकि परीक्षा की सत्यता और छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखा जा सके।