एक छोटे से गांव से दुबई तक का सफ़र सलीम रहमान ने की प्रिंस से मुलाकात
कार्य करने की कुशलता व लग्न इंसान को कहा से कहा पहुंचा देती है, इसका एक जीता-जागता उदाहरण सलीम रहमान है जो कि एक छोटे से गांव में पढ़ने- बढ़ने के साथ आज दुबई पहुंचकर पत्रकारिता के क्षेत्र में नये आयामों को गढ़ता हुआ चला जा रहा है।
ज्ञात हो कि सिवनी जिले के छोटे से गांव गोपालगंज में लगभग 15 वर्ष पूर्व अखबार बाटने के कार्य से पत्रकारिता जगत में पैर रखने वाले सलीम रहमान आज दुबई पहुंचकर अपने गांव व जिले, प्रदेश सहित देश का नाम रौशन कर रहे है।
जिला मुख्यालय से नागपुर मार्ग पर स्थित ग्राम गोपालगंज में पलने-बढ़ने के साथ ही पत्रकारिता की शुरूवात करने वाले सलीम रहमान गोपालगंज से सिवनी जिले की पत्रकारिता में अपने पैर रखे, जहां पर चुनिंदा अखबारों के संपादकों व संवाददाताओं से हुनर हासिल करते हुए वे सिवनी से नागपुर पहुंचे।
नागपुर पहुंचने के बाद मीडिया जगत में एक पोर्टल बोल इंडिया न्यूज के नाम से प्रारंभ किया और नागपुर में कुछ वर्षों तक रहने के बाद धीरे-धीरे महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई पहुंच गये। मुंबई में पोर्टल के माध्यम से राजनीतिक,
सामाजिक एवं फिल्म एंडस्ट्री के क्षेत्र में अपना नाम कमाते हुए उन्हे दुबई की टिकट मिल गयी और आज सलीम रहमान दुबई में मीडिया जगत के साथ काम कर रहे है। दुबई में ही रहकर मीडिया जगत से समाचारों व राजनीतिज्ञों के साथ सामाजिक व
फिल्म एंडस्ट्री में भी अपना नाम कमा रहे है। बीते दिनों सलीम रहमान ने शेखा महरा अल मकतूम से मुलाकात की, कुछ तस्वीरे सोशल मीडिया पर शेयर की। यहां यह बताना आवश्यक है
कि शेखा महरा अल मकतूम संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री और दुबई के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम की बेटी होने के साथ दुबई की प्रिंस भी है। किसी भी देश के महामहिम के साथ मुलाकात करना अपने आप में एक सौभाग्य का विषय है जो कि सिवनी जिले के छोटे से गांव गोपालगंज से अपना सफर प्रारंभ करने वाले सलीम रहमान ने दुबई पहुंचकर किया है।