चिलचिलाती धूप से झुलस रहा नागपुर, बना हीट सेंटर; अगले दो-तीन दिन ऐसे ही रहेंगे हालात।
देशभर के हीट सेंटर्स में नागपुर भी शामिल है। यहां की गर्मी से त्वचा जलने का एहसास होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, नागपुर का कोस्टल एरिया से दूर होना, हरियाली की कमी और औद्योगिकीकरण इसे हीट सेंटर बना रहे हैं। इस सीजन में पारा 45 डिग्री तक नहीं पहुंचा, लेकिन गर्मी का एहसास औसत से अधिक हो रहा है।
प्रादेशिक मौसम केंद्र के उपमहानिदेशक एम. एल. साहू के अनुसार, नागपुर में हवा में नमी की कमी और उत्तर-पश्चिमी हवाएं (राजस्थान से) गर्मी बढ़ाती हैं। जिले में हरियाली, जंगल और तालाबों की कमी से भी गर्मी ज्यादा महसूस होती है। नागपुर के भू-विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. कीर्तिकुमार रणदिवे का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और पृथ्वी की धूरी में परिवर्तन भी गर्मी बढ़ाने वाले कारक हैं।
रमन विज्ञान केंद्र के शिक्षा अधिकारी अभिमन्यू भेलावे ने बताया कि नागपुर का समुद्र से दूर होना, हवा में नमी की कमी, तालाबों की कमी और सीमेंटीकरण भी गर्मी बढ़ाने के प्रमुख कारण हैं। नागपुर और आस-पास का क्षेत्र कोयला बेल्ट होने के कारण भी गर्मी अधिक महसूस होती है।