महाराष्ट्र: नासिक में बंद दुकानों से मिले इंसानी जिस्म के अंग, मचा हड़कंप, पुलिस जुटी जाँच में
महाराष्ट्र के नाशिक में मुंबई नाका पर स्थित पुलिस स्टेशन के पीछे हरी विहार सोसाइटी है. यहां दो बंद दुकानों में इंसानी जिस्म के अंगों के मिलने से हड़कंप मच गया है.गाला नंबर 20 और 21 में ये इंसानी अंग पाए गए हैं. प्लास्टिक के दो बड़े डब्बों में इन्हें केमिकल की मदद से रखा गया है. आठ कान मिले हैं. इनके अलावा आंखें और सर भी पाए गए हैं. प्राप्त जानकारियों के मुताबिक पिछले 15 सालों से इन दुकानों को खोला नहीं गया था. 15 साल पहले मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स को रेंट पर ये गाले (दुकानें) दिए गए थे. इस पूरे मामले की जांच नासिक के मुंबई नाका थाने की पुलिस जांच कर रही है. पुलिस द्वारा दी गई जानकारियों के मुताबिक आंख, नाक, गले के डॉक्टर (ENT Surgeon) के नाम पर ये दुकानें हैं.
मुंबई नाके पर स्थित इन दुकानों से दो दिनों पहले से दुर्गंध आ रही थी. आस पास के लोगों ने यह जानने की कोशिश की कि दुर्गंध कहां से आ रही है. रविवार को स्थानीय लोगों ने देखा कि दुकान में शटर के एक कोने में कुछ टूट-फूट सी हुई है. वहीं से दुर्गंध आने का पता लगा. स्थानीय लोगों ने फिर पुलिस को इसकी सूचना दी. सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई.
गाले के अंदर कबाड़ का सामान भरा पड़ा था. इनमें कुछ लकड़ियों के सामान थे और कुछ लोहे के सामान रखे हुए थे. इन्हीं में से दो प्लास्टिक के मेडिकल कामों में इस्तेमाल में आने वाले डब्बे मिले. जब पुलिस ने उन डब्बों को खोला तो एकदम से दुर्गंध फैल गई. पुलिस की जांच जब और बढ़ी तो केमिकल की सहायता से काफी जतन से इन इंसानी शरीर के अंगों को रखने की मंशा साफ समझ में आई.
फॉरेंसिंक की टीम ने तुरंत इन दो डब्बे को अपने कब्जे में ले लिया. पुलिस ने इस गाले की मालकिन शुभांगिनी शिंदे को बुलाया. साथ ही उनके दोनों डॉक्टर बेटों को बुलाया गया. उनसे देर रात तक पुलिस पूछताछ शुरू थी. शिंदे परिवार में दोनों बेटे शहर में डॉक्टर हैं. इनमें से एक डेंटिस्ट है तो दूसरे बेटे ENT सर्जन हैं. प्राप्त जानकारियों के मुताबिक 2005 में इन अंगों को रिसर्च के लिए लाकर यहां रखा गया था. आठ कान के अलावा इंसान के सर जैसा कोई अंग भी दिखाई दे रहा है. ये सारे अंग कहां से लाए गए, कैसे लाए गए, इन सब बातों की जांच की जा रही है.