पूर्व सरपंच विठ्ठल निमोने पर हमले के बाद मौत, लोधी समाज में गहरा आक्रोश

कोराडी – कोराडी के पूर्व सरपंच विठ्ठल निमोने पर अज्ञात हमलावरों द्वारा किए गए हमले के बाद इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई है, जिससे लोधी समाज में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। पिछले महीने कोलार नदी के पुल के नीचे से गुजरते समय दो अज्ञात हमलावरों ने निमोने पर हमला किया। हमलावरों ने चेहरे पर रुमाल बांधकर लोहे की रॉड से उन्हें बुरी तरह पीटा, जिसके कारण उनके दोनों पैर टूट गए थे और वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे। निमोने को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत बिगड़ती गई और वे डायलिसिस पर थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्होंने आशंका जताई कि यह हमला उनके एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और कोराडी ग्राम पंचायत के एक जनप्रतिनिधि द्वारा कराया गया हो सकता है। उन्होंने बताया कि हमले के दिन खापरखेडा पुलिस को अपने बयान में संदिग्ध का नाम भी बताया था, परंतु राजनीतिक दबाव के कारण पुलिस ने उनके बयान से संदिग्ध का नाम हटा दिया और उस व्यक्ति की जांच नहीं की गई।

खापरखेडा पुलिस की जांच पर सवाल
इस हमले की जांच को लेकर खापरखेडा पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। विठ्ठल निमोने के मूल बयान का गायब होना और बयान से संदिग्ध का नाम हटाया जाना अब संदेह के घेरे में है। घटना के समय मोटरसाइकिल पर आए हमलावरों का पता लगाने के लिए कोराडी, नांदा, दहेगांव, खापरखेडा और महादुला टी पॉइंट इलाके के CCTV फुटेज क्यों नहीं देखे गए, यह भी चर्चा का विषय है। लोगों का मानना है कि कहीं ये फुटेज भी गायब न कर दिए गए हों।

लोधी समाज में गहरा असंतोष
भाजपा में सक्रिय लोधी समाज के युवा कार्यकर्ता और क्षेत्र के प्रतिष्ठित नेता विठ्ठल निमोने का इस तरह से हत्या होना समाज में गहरे आक्रोश का कारण बना है। विठ्ठल निमोने, जो भाजपा के माध्यम से क्षेत्र में राजनीतिक रूप से सक्रिय थे, पिछले कुछ वर्षों से राजनीति से दूर थे। लेकिन हाल के दिनों में उनका एक भाजपा जनप्रतिनिधि के साथ विवाद था, जिसे लेकर यह जानलेवा हमला हुआ।

लोधी समाज, जो भाजपा की महत्वपूर्ण वोट बैंक मानी जाती है, इस घटना के बाद नाराजगी जताते हुए आक्रामक रुख अपना सकता है। कोराडी में इस समय सामाजिक शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

भाजपा और पुलिस पर आरोप
पूर्व सरपंच विठ्ठल निमोने की हत्या के बाद खापरखेडा पुलिस पर आरोपी को गिरफ्तार न करने के आरोप लग रहे हैं। इससे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह मंत्रालय पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा नेताओं का संरक्षण गुंडा तत्वों को मिल रहा है। जनमानस में यह चर्चा है कि क्या गुंडा प्रवृत्ति के लोगों से सुपारी देकर यह हमला करवाया गया है।

आगामी विधानसभा चुनाव पर असर की संभावना
विठ्ठल निमोने की हत्या का असर आगामी कामठी-मौदा विधानसभा चुनाव में भाजपा पर पड़ सकता है, और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे भाजपा को नुकसान हो सकता है।