किसानों ने किया चक्का जाम आंदोलन कृषिपंपों के लिए की 24 घंटे बिजली की मांग
आरमोरी तहसील के कृषिपंपधारक किसानों को पूर्व सूचना न देते हुए बिजली विभाग द्वारा कृषिपंपों पर लोडशेडिंग करना शुरू किया गया. ऐसे में सिंचाई सुविधा के अभाव में ग्रीष्मकालीन धान फसल मुरझाने के कगार में आ गये है. इस संदर्भ में अनेक बार ज्ञापन सौंपकर तथा आंदोलन कर ध्यानाकर्षण कराया गया. फिर भी कृषिपंपों को लोडशेडिंग करने के साथ ही अनियमित बिजली आपुर्ति करना शुरू किया गया.
हाल ही तहसील के किसानों ने बिजली कार्यालय पर दस्तक देकर नियमित बिजली आपुर्ति न करने पर चक्काजाम आंदोलन करने की चेतावनी दी थी. लेकिन बिजली विभाग किसानों की चेतावनी की ओर नजरअंदाज किया. जिससे गुस्साए किसानों ने सोमवार को ठाणेगांव फाटे पर चक्काजाम आंदोलन कर बिजली विभाग के प्रति अपना रोष व्यक्त किया. आंदोलन में जिला आदिवासी कांग्रेस के सचिव दिलीप घोडाम, माकपा के अमोल मारकवार, प्रहार के निखिल धार्मिक, ग्रापं सदस्य शेखर धंदरे के नेतृत्व में तहसील के चामोर्शी, वनखी, ठाणेगांव, डोंगरगांव, वासाला परिसर के किसान बड़ी संख्या में उपस्थित हुए थे.
चक्काजाम आंदोलन करनेवाले किसानों की मांगों में कृषिपंपों को 8 घंटे नियमित बिजली आपुर्ति करने, पिछले चार वर्षो से डिमांड भरनेवाले किसानों को बिजली कनेक्शन देने, कृषिपंपों की रिडिंग लेकर बिजली बिल देने, कृषिपंप झिरोप पोल कनेक्शन तत्काल देने, डिमांड भरने के लिये आवेदन करनेवाले किसानों के प्रलंबित प्रकरण हल करने, बिजली के अभाव में धान फसलों का नुकसान हुआ है. जिससे नुकसानग्रस्त किसानों को बिजली विभाग प्रति एकड़ 35 हजार रूपय मुआवजा देने की मांग इस समय की गई.
ठाणेगांव फाटे पर किसानों ने चक्काजाम आंदोलन शुरू कर आंदोलन के दौरान बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर चर्चा के लिये आमंत्रित किया गया था. लेकिन करीब तीन से साडेतीन घंटों की कालावधि पूर्ण होने के बाद भी बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी आंदोलनस्थल पर नहीं पहुंचा.
जिससे आंदोलनकर्ताओं ने अपना आंदोलन तीव्र किया. इसी बीच आरमोरी के नायब तहसीलदार दोनाड़कर, थानेदार मनोज कालबांधे अपनी टिम लेकर आंदोलनस्थल पर पहुंचे. और सभी आंदोलनकर्ताओं को पुलिस थाने ले गये. कुछ घंटों की कालावधि के बाद आंदोलनकर्ताओं को छोड़ा गया.
इधर आंदोलनकर्ताओं ने बिजली विभाग की निति के खिलाफ तीव्र नाराजगी व्यक्त करते हुए कहां कि, आगामी तीन दिनों में बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारी इस संदर्भ में ठोस निर्णय नहीं लेंगे तो, बिजली विभाग के खिलाफ तीव्र आंदोलन किया जाएगा. ऐसी चेतावनी किसान हक्क संरक्षण समिति के कार्यकर्ता व किसानों ने दी है. वहीं किसानों के होनेवाले नुकसान को राज्य सरकार व बिजली विभाग जिम्मेदार होने का आरोप आंदोलनकर्ताओं ने लगाया है.