संजलि हत्याकांड:में हुवा खुलासा तीन साल बाद भी सरकार की आस में पिता

संजलि हत्याकांड को हुए 18 दिसंबर को तीन साल बीत जाएंगे। वारदात के दोनों आरोपी जमानत पर जेल से छूट गए हैं। मुकदमे में 108 गवाह बनाए गए, लेकिन अब तक सिर्फ 15 की गवाही हो सकी है। पीड़ित पिता हरेंद्र का कहना है कि तीन साल से कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं, बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं, मगर अभी इंसाफ का इंतजार ही है। मलपुरा के गांव लालऊ निवासी संजलि को 18 दिसंबर 2018 को जला दिया गया था। वह साइकिल से स्कूल से घर लौट रही थी। गांव के पास बाइक सवार ने उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। एक स्कूल बस के चालक और राहगीर ने आग बुझाई थी, लेकिन बुरी तरह झुलसी संजलि ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था।संजलि की मौत के बाद उसके तहेरे भाई योगेश ने भी खुदकुशी कर ली थी।

इस घटना के बाद गांव में प्रदर्शन हुए थे। लोगों ने लड़कियों की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। देश प्रदेश में प्रदर्शन किए गए थे। पुलिस ने चार दिन बाद हत्याकांड का खुलासा किया था। दो आरोपियों को जेल भेजा।

संजलि के पिता हरेंद्र का कहना है कि मार्च 2019 में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में 108 गवाह बनाए गए थे। इनमें परिजनों के अलावा अन्य लोग और पुलिसकर्मी भी थे। 15 की गवाही हो चुकी है। बाकी की गवाही होनी है। आरोपी जेल से जमानत पर बाहर आ चुके हैं। अब दस जनवरी को केस की सुनवाई है।

पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी योगेश था। संजलि उसे लूजर कहती थी। इससे ही खुन्नस मानते हुए उसने संजलि को जिंदा जला दिया था। पुलिस ने साजिश में शामिल योगेश के रिश्तेदार आकाश और विजय को जेल भेजा था। वह जमानत पर बाहर आ गए।
संजलि की मां अनीता के मुताबिक, आरोपी उनके रिश्तेदार हैं। उनके जेल जाने के बाद परिवार को काफी कुछ झेलना पड़ा। उन्होंने अपने रिश्तेदारों से भी नाता तोड़ लिया। रिश्तेदारों के घर भी आना-जाना बंद कर दिया था, ताकि कोई दबाव ना बना सके।

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