पुलिस की कारवाई के चलते 80 फीसदी भिखारियों ने छोड़ा शहर
जी20 सम्मेलन के मद्देनजर नागपुर पुलिस ने सार्वजनिक जगहों पर भीख मांगने पर रोक लगा दी है. भीख मांगने की स्थिति में धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा.
पुलिस की इस कार्रवाई से डरकर करीब 80 फीसदी भिखारी शहर छोड़ चुके हैं. बड़ी संख्या में भिखारी छोटे बच्चों को कंधे पर लादकर शहर की सड़कों पर भीख मांगते थे
लेकिन अब इन चौकों से वे अचानक गायब हो गए हैं. यशवंत स्टेडियम इलाके में 1,000 से ज्यादा भिखारी वर्षों से रहते हैं. पुलिस कमिश्नर ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.
शहर में 9 मार्च से 30 अप्रैल तक सड़क पर भीख मांगने पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके चलते नागपुर में 80 फीसदी भिखारी गायब हो गए.
सिटी के चौराहों पर अक्सर भिखारी वाहन चालकों से पैसे लेते थे. तरह-तरह से परेशान भी कर रहे थे. वे अचानक गाड़ी के सामने आ जाते थे.
ऐसे में वाहन चालकों को परेशानी हो रही थी. सीताबर्डी चौक पर कुछ भिखारी शराब पीने के लिए पैसे मांगते हैं. जब पैसा मिलता तो वे शराब पीने निकल जाते हैं और नशे में ही रहते हैं.
कुछ नागरिकों ने भिखारियों के पुनर्वास की मांग की थी. जी20 के मौके पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. नतीजत शहर की सड़कों पर भिखारियों की संख्या कम हो गई है. कई भिखारी शहर से गायब हो चुके हैं.